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लेखनी प्रतियोगिता -31-May-2022

हर एक तनख्वाह पे

सपने नए सजाते हैं
बड़ी उम्मीद लेकर हम
नौकरी पर जाते हैं।

ये मध्यम वर्ग के जीवन
की एक अनबूझ झांकी है
कभी कोई किश्त जानी है
कभी कोई लोन बाकी है।


हमारा बोझ दिखलाकर
हमें घर से बुलाती है
ये मेहनत मांगकर हमसे
हमारा घर चलाती है।



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16 Comments

Reyaan

01-Jun-2022 11:28 AM

👏👌

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Anshumandwivedi426

01-Jun-2022 02:03 PM

Thanks

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Punam verma

01-Jun-2022 09:19 AM

Nice

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Anshumandwivedi426

01-Jun-2022 10:46 AM

धन्यवाद

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Raushan

01-Jun-2022 08:01 AM

Nice

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Anshumandwivedi426

01-Jun-2022 08:07 AM

Thanks alot

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